विज़िटर काउंट 42
देव संजीवन सामाजिक कल्याण समिति (सेवा, संस्कार, धर्म – एक समर्पित पथ की ओर)

हमारा संगठन तीन मूल स्तंभों — सेवा, संस्कार और धर्म — पर आधारित है। हम मानते हैं कि सच्ची सेवा वही है जो निस्वार्थ हो — चाहे वह वृद्धों की देखभाल हो, निर्धनों को भोजन देना हो या वंचित बच्चों को शिक्षा की रोशनी प्रदान करना। प्रत्येक कार्य में हम मानवता को सर्वोपरि मानते हैं। हमारे कार्यक्रमों के माध्यम से हम युवाओं में नैतिक मूल्यों, आदर्श जीवनशैली और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को जागृत कर रहे हैं, जिससे एक सशक्त और संवेदनशील समाज का निर्माण हो सके। हमारे लिए धर्म केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं, बल्कि जीवन का अनुशासन है — जो सभी धर्मों का सम्मान करते हुए समता, सहिष्णुता और आध्यात्मिक चेतना को बढ़ावा देता है। इन्हीं सिद्धांतों के माध्यम से हमारा संगठन समाज में प्रेम, सेवा और संस्कार की ज्योति प्रज्वलित कर रहा है।

हमारे संगठन के मूल स्तंभ

ये केवल शब्द नहीं, बल्कि जीवन जीने की दिशा हैं।

सेवा

हम मानते हैं कि सच्ची सेवा वह है जो निःस्वार्थ हो। चाहे वह वृद्धों की देखभाल हो, निर्धनों को भोजन देना हो या शिक्षा से वंचित बच्चों को ज्ञान की रोशनी देना — हर कार्य में हमने मानवता को सर्वोपरि रखा है।

संस्कार

आज के बदलते युग में नैतिक मूल्यों की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है। हम अपने कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं में चरित्र निर्माण, आदर्श जीवनशैली और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना जागृत कर रहे हैं।

धर्म

धर्म हमारे लिए केवल पूजा-पाठ नहीं, बल्कि जीवन का अनुशासन है। हम सभी धर्मों का सम्मान करते हुए समरसता, सहिष्णुता और आध्यात्मिक चेतना को बढ़ावा देते हैं।
 

200+
Donors
100+
Volunteers
145+
People Impacted
900+
Positive Feedback

हमारे पदाधिकारियों का परिचय

सेवा की धारा को आगे बढ़ाने वाले हमारे अग्रणी सहयोगी

 
नंदलाल यादव (वरिष्ठ)
उपाध्यक्ष
“अनुभव से ही संगठन को दिशा मिलती है।”
 
कुलदीप राजपुरोहित
अध्यक्ष
“संगठन ही हमारी शक्ति है।”
 
अभय धर्मे
सह.सचिव
“सेवा में ही जीवन की सार्थकता है।”
 
जैनुल आबदीन हुसैन
सचिव
“छोटी मदद भी बड़े बदलाव की शुरुआत बनती है।”
 
अरविन्द कुमार श्रीवास
कोषाध्यक्ष
“हर व्यक्ति में सेवा की एक चिंगारी होती है।”
 
विक्रांत राजपुरोहित
परामर्श-दाता
“पारदर्शिता और विश्वास—हमारी निधि की पहचान।”
 
जितेन्द्र डामेचा
एच. आर. मेनेजर
“समय पर पहुंची मदद, सबसे बड़ी मदद।”
 
अंकित सिंह बिसेन
मिडिया प्रोजेक्ट मेनेजर
“अच्छे काम की कहानी जितनी दूर जाएगी, उतना असर बढ़ेगा।”
 
शाहबाज़ कुरैशी
नवांकुर कार्यक्रम समन्वयक
“मैदानी काम ही असली असर तय करता है।”
 
वीरेंद्र परमार
फील्ड मैनेजर
“एक हाथ मदद का, हज़ार मुस्कानें लौटाता है।”
 
प. जगदीश चन्द्र व्यास
गुरुकुल आचार्य
“संस्कार से ही समाज समृद्ध बनता है।”
WhatsApp